भारत के सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बारे मे पूरी जानकारी

Hello दोस्तों हम आज के इस Article मे भारत के उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बारे मे discuss करेंगे। जैसा की आप सब लोग जानते है कि आजकल इसके बारे मे सभी competitive exams मे पूछा जा रहा है। इसलिये हमारे लिए भारत के सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बारे मे पूरी जानकारी को पढ़ना बहुत जरूरी है।

यह UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS, Railways, Bank और Entrance Exam की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए काफी उपयोगी है।

 

भारत का उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India)

भारत का उच्चतम न्यायालय या भारत का सर्वोच्च न्यायालय या भारत का सुप्रीम कोर्ट भारत का शीर्ष न्यायिक प्राधिकरण है जिसे भारत का संविधान/भारतीय संविधान के भाग 5 अध्याय 4 के तहत स्थापित किया गया है। भारतीय संघ की अधिकतम और व्यापक न्यायिक अधिकारिता उच्चतम न्यायालय को प्राप्त हैं। भारत का संविधान/भारतीय संविधान के अनुसार उच्चतम न्यायालय की भूमिका संघीय न्यायालय और भारत का संविधान/भारतीय संविधान के संरक्षक की है। भारत का संविधान/भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 से 147 तक में वर्णित नियम उच्चतम न्यायालय की संरचना और अधिकार क्षेत्रों की नींव हैं।

उच्चतम न्यायालय सबसे उच्च अपीलीय अदालत है जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च न्यायालय/उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ अपील सुनता है। इसके अलावा, राज्यों के बीच के विवादों या मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघन से सम्बन्धित याचिकाओं को आमतौर पर उच्च्तम न्यायालय के समक्ष सीधे रखा जाता है। भारत के उच्चतम न्यायालय का उद्घाटन 28 जनवरी 1950 को हुआ और उसके बाद से इसके द्वारा 24,000 से अधिक निर्णय दिए जा चुके हैं।

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न्यान्यायाधीशों के वेतन और भत्ते- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 125 मे कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के वेतन व भत्ते दिये जाए जो संसद (भारत की संचित) निधि निर्मित करे। न्यायाधीश के लिए वेतन भत्ते अधिनियम 1जनवरी 2009 के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को 2,80,000 मासिक आय और न्यायाधीश को 2,50,000 मासिक आय प्राप्त हुए है। निःशुल्क आवास, मनोरंजन स्टाफ, कार और यातायात भत्ता मिलता है। इनके लिए वेतन संसद तय करती है जो कि संचित निधि से पारित होती है। कार्यकाल के दौरान वेतन मे कोई कटौती नही होती है। न्यायाधीश के कार्यकाल- 65 वर्ष की आयु। वर्तमान 2020 में सर्वोच्च न्यायलाय के मुख्य न्यायधीश शरद अरविंद बोबडे है।

Supreme Court

 

भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की नियुक्ति

संविधान में तैतीस (33) न्यायधीश तथा एक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का प्रावधान है। उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय के परामर्शानुसार की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस प्रसंग में राष्ट्रपति को परामर्श देने से पूर्व अनिवार्य रूप से चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के समूह से परामर्श प्राप्त करते हैं तथा इस समूह से प्राप्त परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति को परामर्श देते हैं।

अनु. 124 के अनुसार मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय राष्ट्रपति अपनी इच्छानुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सलाह लेगा। वहीं अन्य जजों की नियुक्ति के समय उसे अनिवार्य रूप से मुख्य न्यायाधीश की सलाह माननी पडेगी
सर्वोच्च न्यायालय एडवोकेट्स आन रिकार्ड एसोसिएशन बनाम भारत संघ वाद 1993 मे दिये गये निर्णय के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय के जजों की नियुक्ति तथा उच्च न्यायालय के जजों के तबादले इस प्रकार की प्रक्रिया है जो सर्वाधिक योग्य उपलब्ध व्यक्तियों की नियुक्ति की जा सके। भारत के मुख्य न्यायाधीश का मत प्राथमिकता पायेगा।

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उच्च न्यायपालिका मे कोई नियुक्ति बिना उस की सहमति के नहीं होती है। संवैधानिक सत्ताओं के संघर्ष के समय भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका का प्रतिनिधित्व करेगा। राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश को अपने मत पर फिर से विचार करने को तभी कहेगा जब इस हेतु कोई तार्किक कारण मौजूद होगा। पुनः विचार के बाद उसका मत राष्ट्रपति पर बाध्यकारी होगा यद्यपि अपना मत प्रकट करते समय वह सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठम न्यायधीशों का मत जरूर लेगा। पुनःविचार की दशा मे फिर से उसे दो वरिष्ठम न्यायधीशों की राय लेनी होगी वह चाहे तो उच्च न्यायालय/सर्वोच्च न्यायालय के अन्य जजों की राय भी ले सकता है लेकिन सभी राय सदैव लिखित में होगी
बाद में अपना मत बदलते हुए न्यायालय ने कम से कम 4 जजों के साथ सलाह करना अनिवार्य कर दिया था। वह कोई भी सलाह राष्ट्रपति को अग्रेषित नहीं करेगा यदि दो या ज्यादा जजों की सलाह इसके विरूद्ध हो किंतु 4 जजों की सलाह उसे अन्य जजों जिनसे वो चाहे, सलाह लेने से नहीं रोकेगी।

 

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की योग्यताएं

  • व्यक्ति भारत का नागरिक हो।
  • कम से कम पांच साल के लिए उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या दो या दो से अधिक न्यायालयों में लगातार कम से कम पांच वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुका हो। अथवा
  • किसी उच्च न्यायालय या न्यायालयों में लगातार दस वर्ष तक अधिवक्ता रह चुका हो। अथवा
  • वह व्यक्ति राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता होना चाहिए।
  • यहाँ पर ये जानना आवश्यक है की उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनने हेतु किसी भी प्रदेश के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश का पांच वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है ,

और वह 62 वर्ष की आयु पूरी न किया हो, वर्तमान समय में CJAC निर्णय लेगी। किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या फिर उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को उच्चतम न्यायालय के एक तदर्थ न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।

 

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश का कार्यकाल

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष होती है। न्यायाधीशों को केवल दुर्व्यवहार या असमर्थता के सिद्ध होने पर संसद के दोनों सदनों द्वारा दो-तिहाई बहुमत से पारित प्रस्ताव के आधार पर ही राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।

 

सुप्रीम के अब तक सभी न्यायाधीशों की सूची (Supreme Court of India Judges)

 

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (Supreme Court of India Judges )            सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल

 

हरिलाल जे. कानिया 26 जनवरी 1950 – 6 नवंबर 1951
एम. पतंजलि शास्त्री 7 नवंबर 1951 – 3 जनवरी 1954
मेहर चंद महाजन 4 जनवरी 1954 – 22 दिसंबर 1954
बी.के. मुखर्जी 23 दिसंबर 1954 – 31 जनवरी 1956
एस.आर. दास 01 फरवरी 1956 – 30 सितंबर 1959
भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा 1 अक्टूबर 1959 – 31 जनवरी 1964
पी.बी. गजेंद्रगडकर 1 फरवरी 1964 – 15 मार्च 1966
ए.के. सरकार 16 मार्च 1966 – 29 जून 1966
के. सुब्बा राव 30 जून 1966 – 11 अप्रैल 1967
के.एन. वांचू 12 अप्रैल 1967 – 24 फरवरी 1968
एम. हिदायतुल्लाह 25 फरवरी 1968 – 16 दिसंबर 1970
आई.सी. शाह 17 दिसंबर 1970 – 21 जनवरी 1971
एस.एम. सीकरी 22 जनवरी 1971 – 25 अप्रैल 1973
ए.एन. रे 26 अप्रैल 1973 – 27 जनवरी 1977
एम.एच. बेग 28 जनवरी 1977 – 21 फरवरी 1978
वाई.वी. चंद्रचूड़ 22 फरवरी 1978 – 11 जुलाई 1985
पीएन भगवती 12 जुलाई 1985 – 20 दिसंबर 1986
आर.एस. पाठक 21 दिसंबर 1986 – 18 जून 1989
ई.एस. वेंकटरमैया 19 जून 1989 – 17 दिसंबर 1989
एस. मुखर्जी 18 दिसंबर 1989 – 25 सितंबर 1990
रंगनाथ मिश्र 26 सितंबर 1990 – 24 नवंबर 1991
के.एन. सिंह 25 नवंबर 1991 – 12 दिसंबर 1991
एम.एच. कानिया 13 दिसंबर 1991 – 17 नवंबर 1992
आई.एम. शर्मा 18 नवंबर 1992 – 11 फरवरी 1993
एम.एन. वेंकटचलैया 12 फरवरी 1993 – 24 अक्टूबर 1994
ए.एम. अहमदी 25 अक्टूबर 1994 – 24 मार्च 1997
जे. एस. वर्मा 25 मार्च 1997 – 17 जनवरी 1998
एम.एम. पंछी 18 जनवरी 1998 – 9 अक्टूबर 1998
ए.एस. आनंद 10 अक्टूबर 1998 – 31 अक्टूबर 2001
एस. पी. भरूचा 01 नवंबर 2001 – 5 मई 2002
बी.एन. कृपाल 6 मई 2002 – 7 नवंबर 2002
जी. बी. पटनायक 8 नवंबर 2002 – 18 दिसंबर 2002
वी. एन. खरे 19 दिसंबर 2002 – 1 मई 2004
एस. राजेंद्र बाबू 02 मई 2004 – 31 मई 2004
आर. सी. लाहोटी 01 जून 2004 – 31 अक्टूबर 2005
वाई. के. सब्बरवाल 01 नवंबर 2005 – 14 जनवरी 2007
के. जी. बालकृष्णन 14 जनवरी 2007 – 12 मई 2010
एस. एच. कपाड़िया 12 मई 2010 – 28 सितम्बर 2012
अल्तमस कबीर 29 सितम्बर 2012 – 19 जुलाई 2013
पालानीसामी सदाशिवम 19 जुलाई 2013 – 26 अप्रैल 2014
राजेन्द्र मल लोढ़ा 27 अप्रैल 2014 – 27 सितम्बर 2014
एच.एल दत्तु 28 सितम्बर 2014 – 2 दिसंबर 2015
तीरथ सिंह ठाकुर 3 दिसंबर 2015 – 03 जनवरी 2017
जगदीश सिंह खेहर 04 जनवरी 2017 – 27 अगस्त 2017
दीपक मिश्रा 28 अगस्त 2017 – 02 अक्टूबर 2018
रंजन गोगोई 02 अक्टूबर 2018 – 17 नवंबर 2019
शरद अरविंद बोबड़े 18 नवंबर 2019 – अब तक

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आज के इस article के माध्यम से हमने आज के भारत के उच्चतम न्यायालय और न्यायाधीश के बारे मे विस्तार से जाना। आशा है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बारे मे पूरी जानकारी का यह article आपके लिए helpful रहा होगा। अगर आपको यह article पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर share कीजिए।

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